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अनेकों पाप किये हैं। हमारे को पत्थर मारने का कोई अधिकार नहीं है।
एक-एक कर सारी भीड़ छंट गयी। केवल ईसा और वह गुनाहगार महिला ही बची रही। ईसा ने पूछा-बहन ! सभी तुम्हारे पर इलजाम लगाने वाले कहाँ नौ दो ग्यारह हो गये? उन्होंने तुम्हें क्यों नहीं सजा दी ?
भगवन् ! मुझे किसी ने भी सजा नहीं दी है।
ईसा ने स्नेह से कहा- तुम अपने पापों का प्रायश्चित्त करो और भविष्य में कभी पाप न करने की प्रतिज्ञा करो।
वह ईसा के चरणों में गिर पड़ी।
ईसा ने एक हिंसक परम्परा को सदा के लिए बन्द कर दिया।
बोलती तसवीरें
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