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:३५: सच्चे नेता
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२५ अप्रैल १६४५ का प्रसंग है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस रानी झांसी रेजिमेण्ट की बालिकाओं और अपनी सेना के साथियों को लेकर बैंकाक के लिए ट्रकों के द्वारा प्रस्थित हुए। कुछ ही मार्ग पार किया तो ट्रक कीचड़ में फंस गयीं । अवशेष रास्ता उन्हें पैदल चलकर ही पार करना था क्योंकि ब्रिटिश सेना उनके पीछे लगी हुई थी । अतः दिन भर भयंकर जंगलों में या किसी गाँव में छिपकर रहना पड़ता था और रात में यात्रा करनी पड़ती थी। भयंकर अँधेरी रात्रि, आकाश में उमड़-घुमड़ कर घटायें कभी-कभी हजारहजार धाराओं के रूप में बरसती तो कभी-कभी छहर छहर कर बरसतीं। कीचड़ से क्लान्त पथ को पार करना अत्यधिक कठिन था। पैरों में यत्र-तत्र फफोले पड़ चुके थे और शरीर में भी रात्रि में इधर-उधर
सच्चे नेता
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