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बापू को खड़े हुए देखा तो विनोद करते हुए कहाआज तो आप भी अपराधियों के कटघरे में आ गये हैं।
बापू ने मुस्कराते हुए कहा—नियम के सामने सभी समान हैं। उपाध्याय ने कहा-मैं अभी कुर्सी ले आता है ताकि आप आराम से बैठे। बापू ने प्रतिवाद करते हुए कहा-कुर्सी की आवश्यकता नहीं है । सजा उसी तरह से भुगतनी चाहिए, जिस तरह दूसरे भुगतते हैं, उसी में मजा है।
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बोलती तसवीरें
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