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प्रधानाध्यापक विद्यार्थी की सत्य बात को सुन नहीं सके । उन्होंने कहा- तुमने मेरा अपमान किया है, अतः पाँच रुपये तुम्हारे पर जुरमाना करता हूँ ।
किन्तु विद्यार्थी अपनी बात पर अड़ा हुआ था । प्रधानाध्यापक महोदय जुरमाना बढ़ाते गये । यहाँ तक कि पचास रुपया का जुरमाना उन्होंने कर दिया तथापि विद्यार्थी विचलित नहीं हुआ I
उसी समय कालेज के प्रधान क्लर्क ने आकर सूचित किया कि यह विद्यार्थी कालेज में सर्वप्रथम आया है । असावधानी से इसका नाम सूची में लिखने से रह गया। प्रधानाध्यापक ने सुना तो उनका सिर लज्जा से झुक गया और छात्र का सिर स्वाभिमान से ऊपर उठ गया ।
उस विद्यार्थी का नाम था राजेन्द्रप्रसाद जो भारत के स्वतन्त्र होने पर सर्वप्रथम राष्ट्रपति बने थे ।
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बोलती तसवीरं
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