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सद्व्यवहार
रास्ता अत्यधिक संकीर्ण था। उस रास्ते पर एक साथ एक ही रथ चल सकता था। दो विपरीत दिशाओं से वहाँ पर दो रथ आ गये। बिना एक रथ को हटाये दूसरा रथ आगे नहीं बढ़ सकता था। एक रथ में काशीराज थे तो दूसरे रथ में थे कौशल के महाराजा। ___ कौशलराज के सारथी ने काशीनरेश के सारथी से कहा- कृपया अपना रथ घुमाकर रास्ता छोड़ दें।
काशीनरेश के सारथी ने कहा--महरबानी कर आप ही अपना रथ घुमा लीजिये, क्योंकि इस रथ में काशी के महाराजा आसीन हैं।
कौशलराज के सारथी ने उत्तर दिया कि मेरे रथ में भी तो कौशलपति विराजमान हैं। अतः आप अपना रथ लौटाइये और हमारे रथ को जाने दीजिये।
काशी-नरेश के सारथी ने चिन्तन के पश्चात् कहा-सारथी ! इसका यही उपाय है कि जो राजा
बोलती तसवीरें
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