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: ७४ : आत्मविश्वास
पैगंबर मुहम्मद अपने स्नेही साथियों के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान को जा रहे थे। उनके सैकड़ों दुश्मन उनका पोछा कर रहे थे। उनके स्नेही दुश्मनों को देखकर भयभीत हो गये। इतने अधिक दुश्मन और हम केवल तीन ही व्यक्ति हैं। तीन व्यक्ति इतने दुश्मनों का सामना कैसे कर सकेंगे ? हम बुरी मौत मारे जायेंगे।
पैगंबर मुहम्मद ने कहा-साथियो ! घबराओ मत । हम तोन नहीं किन्तू चार हैं। यह चौथा व्यक्ति हमारे साथ चल रहा है । उसका इतना सामर्थ्य है कि सैकड़ों व्यक्ति क्या, विश्व की कोई भी शक्ति उसके सामने टिक नहीं सकती और न कोई भी शक्ति हमारा बाल ही बांका कर सकती है। हमारा वह चौथा साथी है 'आत्मविश्वास' । जब तक वह हमारे साथ है, वहाँ तक हमारे लिए कोई खतरा नहीं ।
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बोलती तसवीरें
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