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चिन्ता नहीं। मैंने जिस कार्य को हाथ में लिया है उसे अपूर्ण छोड़ नहीं सकता। यह आत्मवंचना है। मैं इस प्रकार आत्मवंचना नहीं कर सकता। वस्तुतः दृढ़ संकल्पी व्यक्ति ही किसी कार्य में सफल होते हैं।
गांधीजी की संकल्प-शक्ति के कारण ही एक दिन भारत परतन्त्रता से मुक्त हुआ।
दृढ संकल्प
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