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पगड़ी की शान
मेवाड़ की आन-शान एवं मर्यादा की रक्षा स्वतन्त्रता के महान सेनानी महाराणा प्रताप गिरिकन्दराओं में और वनों में भटक रहे थे । महाराणा प्रताप का एक भाट जिसकी अत्यन्त दयनीय अवस्था थी, वह कुछ अर्थ - प्राप्ति की कामना से बादशाह अकबर के दरबार में पहुँचा । उसने सर्वप्रथम अपने सिर की पगड़ी उतारकर सम्राट् को अभिवादन किया ।
भाट की यह विचित्र हरकत देखकर बादशाह अकबर को गुस्सा आ गया । उन्होंने उसे फटकारते हुए कहा - इस प्रकार मूर्खतापूर्ण व्यवहार करना एक प्रकार का बहुत बड़ा अपराध है । तुमने हमारा अपमान किया है । इसका तुम्हें दण्ड दिया जायगा ।
बोलती तसवीरें
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