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आप भीष्म-ग्रीष्म की चिलचिलाती धूप में जा रहे हों, आपको बहुत तेज प्यास लगी हो, प्राण निकलने की स्थिति हो। उस समय एक गिलास पानी की कीमत कितनी होगी ? क्या आप बता सकते हैं ?
बादशाह-उस समय पानी पिलाने वाले को मैं आधा राज्य पुरस्कार में दे सकता हूँ।
जब बादशाह पानी पी चुका तो संन्यासी ने पुनः प्रश्न किया—कि जो एक गिलास पानी आपने पिया है, वह पानी पेशाब बनकर यदि आपके शरीर में से पुनः बाहर न निकले तो उस समय आपके शरीर को क्या स्थिति होगो ? उसकी कल्पना करते ही आप काँप उठेंगे। यदि उस समय आपको पेशाब कराने के लिए कोई वैद्य आधा राज्य माँगे तो क्या आप उसे दे देंगे ?
"हाँ, उसे मैं आधा राज्य दे = गा।"
संन्यासी ने उपदेश देते हए कहा—जिस राज्य पर तुम्हें इतना गर्व है, जिसको कल्पना से हो तुम फूले नहीं समाते हो, उसकी कीमत केवल एक गिलास पानी है। फिर व्यर्थ का अभिमान क्यों कर रहे हो ?
यह कहकर संन्यासी वहाँ से चल दिया।
व्यर्थ का अभिमान
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