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सन्मान करो
__महान् सम्राट् नेपोलियन एक दिम घूमने के लिये जा रहे थे। रास्ता बहुत ही संकीर्ण था, उस पर दो व्यक्ति एक साथ नहीं चल सकते थे । महिला आगे थी और नेपोलियन पीछे थे। सामने से एक मजदूर घास का भारी-भरकम गट्टर लिये हुए आ रहा था। उस महिला को अपने उच्चकुल का, पद का और सत्ता का गर्व था। वह उस समय सम्राट के साथ थी अतः मार्ग कैसे छोड़ती। वह मार्ग के बीच में इस तरह से अकड़ती हुई चल रही थी मानो उसने सामने आने वाले मजदूर को देखा ही न हो। नेपोलियन रास्ते में से एक ओर हट गये और महिला को अपनी ओर खींचते हुए कहा'मैडम ! भार को सदा सम्मान देना चाहिये। जिसके सिर पर भार है चाहे वह कम हो या अधिक, सदा उसका सम्मान करना चाहिए। वह सदा सन्मान देने के योग्य है।
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बोलती तसवीरें
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