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क्या मेरा संवत चलेगा ?
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विशेषता है कि जैसा भो तुम मन पसन्द भोजन चाहो, . इसमें से प्राप्त कर सकते हो ।"
दूसरी यह पेटी है - इसमें यह विशेषता है कि तुम जिस प्रकार के व जितनी संख्या में वस्त्र आभूषण चाहो वह इसको खोलने पर मिल जायेंगे ।
तीसरी यह थैली है, इसमें से जितनी भी अशर्फियां व रुपए चाहिए प्राप्त किये जा सकते हैं ।
चौथा यह घोड़ा है, इस पर बैठकर जितने समय में जहां भी जाना चाहो जा सकते हो । किसी से भी रास्ता पूछने की आवश्यकता नहीं। यह पोडा अपने आप लक्ष्य स्थल पर पहुँच जायेगा ।
इन चारों अपूर्व वस्तुओं में से तुम्हें जो भी वस्तु च. हिए वह एक वस्तु मांगलो ।
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वृद्ध ने कहा--"जरा मैं अपने स्वजनों को पूछकर आता कि इन चार में से मुझे क्या लेना है । मेरी झोंपड़ी पास ही की टेकरी पर है । जब तक मैं पुनः न आऊं वहाँ तक तुम खड़े रहना ।
वृद्ध चला गया, विक्रमादित्य वहीं खड़े रहे । आठ दस घण्टे के पश्चात वृद्ध लौटा ।
विक्रमादित्य - भाई ! तुमने बहुत ही समय लगा दिया, खड़े-खड़े तुम्हारी कितने समय से प्रतीक्षा करता रहा, बताओ इन चारों वस्तुओं में से तुम्हें एक कौन सी वस्तु चाहिए।
वृद्ध-- "मुझे कुछ भी नहीं चाहिए ।"
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