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बड़ो कौन ?
संकट के समय भी आपके काम में नहीं आयेंगे तब कब आयेंगे । आपको धन के द्वारा बचने का उपाय करना चाहिए।"
प्रथम पण्डित ने कहा-"वाह मित्र ! तुमने खूब याद दिलाई। जब मेरे पास ग्यारह लाख रुपए हैं तो मुझे मारने वाला कौन है। फांसी की सजा अभी-अभी परिवर्तन करा दूगा। ग्यारह लाख रुपए में मंत्री आदि क्या स्वयं राजा भो खरोदा जा सकता है। उसने उसी समय अनुचर के द्वारा कनिष्ठ मंत्री को बुलाया और कहा-"तुम ऐसा कोई उपाय करो, जिससे मैं फांसी की सजा से मुक्त हो सकू, पुरस्कार के रूप मैं तीन-चार लाख रुपए अर्पित करूंगा।"
तोन-चार लाख रुपए का नाम लेते ही कनिष्ठ मंत्री के मुह में पानी आया पर दूसरे ही क्षण कुछ विचार कर बोला-'मेरे से यह कार्य नहीं हो सकेगा। राजा जान जायेगा तो परिवार सहित मुझे फांसी पर चढ़ा देगा । आपका यह कार्य तो हमारे प्रधान मंत्री कर सकते हैं। मंत्री की सलाह से उसने प्रधान मंत्री को भी बुलाया और एकान्त में ले जाकर कहा कि-"आप मुझे फांसी की सजा से मुक्त करवा देंगे तो ग्यारह लाख रुपए भेंट में दंगा । ग्यारहलाख का नाम सुनते ही प्रधान मंत्री भी विचार में पड़ गये, उन्होंने कहा- "मैं प्रयत्न करता हूं।" वे राजा के पास में गये और उन्हें फांसी से मुक्त करने को कहा।
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