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अमिट रेखाएं
चुनौती देता है। यमराज ने उसका गला दबोचते हुए कहा-मैं जानता था कि असली कलाकार अपनी कला की आलोचना कभी सुन नहीं सकता। इसी दृष्टि से मेरा यह उपक्रम था । अच्छा चलो अब मेरे साथ ।
कलाकार अब क्या करता, उसे उसके साथ जाना ही पड़ा।
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