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गौन की महत्ता
मौन की महत्ता
एक लोक कथा है-एक तालाब के सन्निकट दो हंस और एक कछुआ रहता था। हंस विवेकी थे, वे प्रायः मौन रहते थे और कछुआ रात-दिन बड़बड़ाता रहता था। मतलब और बेमतलब की बातें किया करता था।
एक दिन हंस-युगल मान-सरोवर जाने के लिए तैयारी करने लगे। जब कछुए को यह पता लगा तो उसने हंसों से नम्र निवेदन किया कि आप मुझे भी मान-सरोवर ले चलें क्योंकि मैंने मान-सरोवर की रमणीयता के सम्बन्ध में बहुत कुछ सुन रखा है।
_हंसों ने कहा-मित्र! हम तुम्हें नहीं ले जा सकते, क्योंकि हम लोग कम बोलना पसन्द करते हैं और तुम
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