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कहाँ से सीखा ?
से मैंने अपने आपको सदा ही दूर रखा । जो जिज्ञासु है, जिसमें चिन्तन करने की शक्ति है वह कहीं से भी सीख सकता है और जो जड़बुद्धि है उसे चाहे कितना भी सिखाया जाय तब भी कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकता ।
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