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________________ अपना निर्माण एक अध्यापक छात्रों को भूगोल का अध्ययन करा रहा था, उसने एक नक्शे के पाँच-छह खण्ड छात्रों को देते हुए कहा-इन्हें इस प्रकार जोडिए जिससे संसार का सही मानचित्र बन जाये। अध्यापक के आदेश का पालन करने के लिए सभी छात्र तन्मयता से जुट गये। वे एक-एक द्वीप को बिठाने का प्रयास करने लगे किन्तु सफल नहीं हो रहे · थे। यदि एशिया का मानचित्र ठीक बैठ जाता तो यूरोप का गलत हो जाता, यदि यूरोप का ठीक होता, तो अमेरिका गलत हो जाता। सभी छात्र परेशान हो गये । उन्होंने कहा-यह कार्य हमारे वश का नहीं है, यदि आप मार्गदर्शन करें तो सम्भव है सफलता प्राप्त हो सकती है। अध्यापक ने कहा-अच्छा, इसके पीछे मानव . Jain Education Interipatroinedte & Personal Usevoranelibrary.org
SR No.003194
Book TitleGagar me Sagar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1979
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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