SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 61
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ૪૬ तुम पहले उसे का मानचित्र भी है, करो । मानव का चित्र यदि बना 'चित्र भी बन जायेगा । गागर में सागर बनाने का प्रयास सके तो संसार का छात्रों ने तन्मयता से मानव के चित्र को बनाना प्रारम्भ किया और शीघ्र ही मानव के चित्र को व्यवस्थित बना दिया । सभी छात्र अपनी सफलता पर झूम उठे । अध्यापक ने कहा - अच्छा तो अब इस नक्शे को यथावत् उलट दो । ज्योंही मानचित्र उलटा किया तो वे सभी आश्चर्यचकित हो गये । संसार का मानचित्रपूर्ण रूप से बन चुका था । अध्यापक ने रहस्य का समुद्घाटन करते हुए कहा- पहले मानव का निर्माण करो, संसार का निर्माण तो स्वतः हो जाता है । तुम संसार के निर्माण की पहले चिन्ता न करो, अपने आपका निर्माण करो । Jain Education Internationalte & Personal [email protected]
SR No.003194
Book TitleGagar me Sagar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1979
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy