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जितना सुन्दर दीखता था उससे कई गुना अधिक प्रतिबिम्ब सुन्दर दीख रहा था। चित्रकार ने तुलिका का चमत्कार दिखाया तो विचित्रकार ने रासायनिक पदार्थ विशेष से भींत को प्रतिबिम्ब ग्रहण करने में सक्षम बना दिया था। राजा विचित्रकार की महान कला की देखकर अत्यधिक चकित था। उसने उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा-तुम वस्तुतः अद्भुत हो । तुम्हारी कला कमाल की है।
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