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गागर में सागर
वह तो बिल्कुल ही गधा है उसमें अक्ल का तो
दिवाला है ।
सेठ ने दोनों के मानस को समझ लिया कि मे दोनों परस्पर ईर्ष्याग्नि में जल रहे हैं। उन्हें प्रतिबोध दिन के लिए भोजन के थाल में घास और भूसा रख दिया । ज्योंही दोनों पण्डितों ने घास और भूसा देखा तो आगबबूला हो गये । सेठ ने मुस्कराते हुए कहाआप दोनों ने ही तो एक दूसरे का बैल और गधे के रूप में परिचय दिया है और उसी के अनुकूल मैंने यह भोजन परोसा है । दोनों लज्जित हो गये । उन्हें अपनी नल ज्ञस्त हो गई ।
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