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पढ़ना और गुनना
एक गुरुकुल में दो विद्यार्थी पढ़ते थे। एक था सम्राट का पुत्र और दूसरा था स्वयं आचार्य का पूत्र । चौबीस वर्ष तक गम्भीर अध्ययन के पश्चात् वे राजा के दरबार में उपस्थित हए। आज दोनों की परीक्षा होने वाली थी। राजा स्वयं परीक्षक के रूप में नियुक्त हुआ था। राजा ने अपनी मुट्ठी आगे करते हुए कहा-अपनो ज्योतिष विद्या के आधार से बताओ कि मेरी मुट्ठी में क्या है ?
राजपुत्र ने गणितशास्त्र की सहायता से हिसाब लगाकर कहा-राजन् ! आपकी मुट्ठी में श्वेत गोल वस्तु है। वह कठोर भी है और उसके बीच छेद भी है।
राजा ने पुनः प्रश्न किया-तुम्हारा कथन ठीक है । पर बताओ, उस वस्तु का नाम क्या है ?
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