________________
चिन्ता
१०५
रोग को उत्पन्न करने वाली, चिन्ता एक पिशाचिनी के सदृश है । अतः ज्ञानी चिन्ता नहीं चिन्तन करते हैं। • चीन में प्राचीनकाल में अपराधियों को मिट्टी के जल भरे बरतनों के नीचे बिठा देते थे जिससे उसके सिर पर एक-एक बूंद टपकती रहती थी। अपराधियों को वे बूंदें हथौड़े की मार की तरह लगती थीं और वे पागल बन जाते थे। चिन्ता भी टपकने वाली उन बूंदों की तरह है जो मनुष्य को पागल बना देती है।
-
Jain Education Internatiroinedte & Personal Usevwrajnelibrary.org