________________
:५२:
चिन्ता
इंग्लैण्ड के प्रधानमन्त्री चिल द्वितीय विश्वयुद्ध में प्रतिदिन १८ घण्टे कार्य करते थे। उनके अधीन जितने भी कार्य थे वे सभी कार्य वे बड़ी तत्परता से करते थे। इतना कार्य करने पर भी उनका चेहरा सदा गुलाब के फूल की तरह खिला रहता था। कभी भी थकान उनके चेहरे पर दिखायी नहीं देती थी। एक जिज्ञासु ने उनसे पूछा-मैं जब भी देखता आप सदा प्रसन्न दिखाई देते हैं। क्या कोई चिन्ता आपको नहीं सताती ?
__ चिल ने मुस्कराते हुए कहा-भैय्या ! मेरे पास इतना समय ही कहाँ है जो मैं चिन्ता कर सकें ?
वस्तुतः चिन्ता चिता से भी भयंकर है। चिता मुर्दे को जलाती है तो चिन्ता जीवित व्यक्ति को। प्रसन्नता, सौन्दर्य और शक्ति को नष्ट करने वाली तथा
Jain Education InteFoatronate de personal usev@rjainelibrary.org