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अपने आपको परखो
एक मियाँ थे । उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर थी । वर्षा का मौसम आ रहा था । बीबी उनसे कहती थी - जरा झोंपड़ी ठीक कर दो। क्योंकि स्थान-स्थान पर इसमें पानी चूता है ।
मियाँ पत्नी के कथन पर ध्यान ही नहीं देते थे । वे दुनिया भर के लोगों के झाड़-फूँक किया करते थे । एक दिन वे झाड़-फूँक करते हुए बोल रहे थे"आकाश बांधू, पाताल बांधू, बांधू समुद्र की खाई ।” इतने में उनकी पत्नी ने पीठ पर लकड़ी का तेज प्रहार करते हुए कहा -- आकाश, पाताल और समुद्र को बाद में बाँधना पहले झोंपड़ी को तो बाँध लें जिससे रात को आराम से सो सकें ।
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