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आदर्श पत्नीव्रत
लिए प्राणों का परित्याग किया क्या उस रानी के लिए मैं विषयों का परित्याग नहीं कर सकता ? यदि मैं विषयों का गुलाम रहा तो अपने कर्तव्य से च्युत हो जाऊँगा ।
यह है एक पत्नीव्रत का आदर्श !
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