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________________ ( ८४ ) श्वेताम्बर जैनाचार्यों द्वारा रचित वैद्यक ग्रन्थ प्रन्थ नाम ग्रंथकार भाषा रचना काल १. योगचितामणि मूल हर्षकीति सूरि भाषा टीका नरसिंह खरतर संस्कृत सं० १६६२ २. वैद्यकसारोद्धार हर्षकीतिसूरि संस्कृत सं० १६६२ ३. ज्वरपराजय जयरत्न संस्कृत ---- ४. वैद्यवल्लभ हस्तिरुचि संस्कृत ---- ५. वैद्यकसाररत्न चौपाई लवषमी कुशल गुजराती सं० १६६४ फा०सु ६. सुबोधिनी वैद्यक लक्ष्मीचंद्र हिंदी ---- ७. लंघन पथ्योपचार दीपचंद्र संस्कृत सं० १७९२ ८. बाल चिकित्सा निदान ---- ९. योगरत्नाकर चौपाई नयन शेखर गुजराती ----- १०. डम्भ क्रिया धर्मसिंह धर्मवर्द्धन हिंदी प्र० सचित्र आयुर्वेद ११. पथ्यापथ्य महो० रामलालजी --- वीर सं० २४३९ १२. रामनिदान टवा सहित उपर्युक्त -------- १३. कोकशास्त्र चौपाई नर्बुदाचार्य कामशास्त्र में प्रासंगिक चिकित्सा प्रकाशित १४. रसामृत माणिक्यदेव जैनेतर वैद्यक ग्रन्थों पर जैनाचार्यों द्वारा कृत टीकाएँ १. योगरत्नमालावृति गुणाकर श्वे० सं० १२९६ २. अष्टांगहृदय टीका पं० आशाधर दि० ३. पथ्यापथ्यम टवा चैनसुख मुनि सं० १८३५ ४. माधवनिदान टवा ज्ञानमेरु ५. सम्निपातकलिका हेमनिधान सं० १७३३ ६. योगशतक टीका मूल वररुचि संप्रतभद्र (समन्तभद्र ) सं० १७३१ . Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003193
Book TitleJain Sahitya ke Vividh Ayam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1981
Total Pages90
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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