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________________ श्रमण संस्कृति के विकास में बिहार की देन : १६१ "Kesaria in champaran district is supposed to be the spot where Budha took leave of the Licchavis and where he presented his alms leowl to them. It is believed that they erected a stupa over the spot where the alms bowl was presented by Budha." ‘History of Tirhut' पृष्ठ ४४ । चम्पारण के केशरिया में आज भी गढ़ है और अरेराज लौरिया, नन्दनगढ़ लौरिया तथा रमपुरवा ( जो आजकल नेपाल में है ) में लाठ हैं, जिन पर महात्मा बुद्ध के धर्म-सदेश पालि भाषा में अङ्कित हैं । अरेराज लौरिया के लाठ का ऊपरी भाग आजकल नहीं है, शायद वह १६३४ के भूकम्प में गिर गया और कहीं चला गया है । चम्पारण की भूमि अति प्राचीनकाल से हो सन्तों और महात्माओं के लिए आकर्षण का केन्द्र रही है । यहाँ चम्पा पुष्प का वन था, जहाँ शान्त वातावरण पाकर तपस्वी अपनी साधना में रत रहते थे । आवश्यकता है अनुसंधित्सुओं की, जो इसके कण-कण में व्याप्त प्राचीन वैभव को अपनी लेखनी से प्रकट कर सकें । मौर्यकाल में बौद्ध धर्म को विकसित होने और कोने में फैलने का बड़ा हो सुनहला अवसर मिला । कलिंग- युद्ध के नर-संहार से द्रवीभूत होकर बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया । उसने बौद्ध धर्म के प्रचार और प्रसार के लिए अपना शेष जीवन लगा दिया। उन्होंने अपने बेटे महेन्द्र और बेटी सङ्घमित्रा को सिंहलद्वीप भेजकर बौद्ध धर्म का प्रचार कराया। बिहार की राजधानी पाटलिपुत्र उस समय बौद्ध धर्म का सबसे बड़ा केन्द्र था । सम्राट् अशोक ने सुदूर चीन और जापान तक इस धर्म का प्रचार कराया। आगे चलकर नालन्दा और विक्रमशिला बौद्धधर्म-दर्शन के केन्द्र बने, जहाँ विश्व के अन्य भागों के छात्र इन विश्वविद्यालयों में आकर ज्ञान-लाभ करते । अनेक प्रमुख चीनी यात्रियों - फाह्यान, ह्व ेनसंग आदि ने इन स्थानों का भ्रमण कर इनकी विशेषताओं का उल्लेख किया है | मौर्यकाल और गुप्तकाल में बिहार श्रमण - संस्कृति का मुख्य केन्द्र बना रहा । कहा जाता है कि सम्राट् अशोक ने पटना से Jain Education International विश्व के कोनेसम्राट् अशोक For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003192
Book TitleShraman Sanskruti Siddhant aur Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalakumar
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1971
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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