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________________ भ. महावीर और बुद्ध के पारिपाश्विक भिक्षु-भिक्षुणियाँ ६७ आगम-साहित्य में 'एतदग्ग वग्ग' की तरह नामग्राह कोई व्यवस्थित प्रकरण इस विषय का नहीं मिलता, पर कल्पसूत्र का केवली आदि का संख्याबद्ध उल्लेख महावीर के भिक्षु-संघ की व्यापक सूचना हमें दे देता है। औपपातिक सूत्र में निर्ग्रन्थों के विविध तपों का और उनकी अन्य विविध विशेषताओं का सविस्तार वर्णन है। तप के विषय में बताया गया है-"अनेक भिक्षु कनकावलो तप करते हैं । अनेक भिक्षु एकावली तप, अनेक भिक्षु लघु सिंह निष्क्रीड़ित तप, अनेक भिक्षु भद्र-प्रतिमा, अनेक भिक्षु महाभद्र प्रतिमा, अनेक भिक्षु सवतोभद्र प्रतिमा, अनेक भिक्षु आयंबिल वर्द्धमान तप, अनेक भिक्षु मासिकी भिक्षु प्रतिमा, अनेक भिक्षु द्विमासिको भिक्षु प्रतिमा से सप्त मासिकी भिक्ष प्रतिमा, अनेक भिक्षु प्रथम-द्वितीयतृतीय सप्त अहोरात्र प्रतिमा, अनेक भिक्ष एक अहोरात्र प्रतिमा, अनेक भिक्ष एक रात्रि प्रतिमा, अनेक भिक्ष सप्त सप्तमिका प्रतिमा, अनेक भिक्षु यवमध्यचन्द्र प्रतिमा तथा अनेक भिक्षु वज्रमध्यचन्द्र प्रतिमा तप करते थे।"७९ अन्य विशेषताओं के सम्बन्ध में वहाँ बताया गया है- "वे भिक्षु ज्ञान-सम्पन्न, दर्शन-सम्पन्न, चारित्र-सम्पन्न, लज्जा-सम्पन्न व लाघवसम्पन्न थे। वे ओजस्वी, तेजस्वी, वर्चस्वी और यशस्वी थे। वे इन्द्रिय-जयी, निद्रा-जयी और परिषह-जयी थे। वे जीवन की आशा और मृत्यु के भय से विमुक्त थे । वे प्रज्ञप्ति आदि विद्याओं व मंत्रों में प्रधान थे। वे श्रेष्ठ, ज्ञानी, ब्रह्मचर्य, सत्य व शौर्य में कुशल थे। वे चारुवर्ण थे। भौतिक आशा-वाञ्छा से वै ऊपर उठ चुके थे। औत्सुक्य-रहित, श्रामण्य-पर्याय में सावधान और बाह्य-आभ्यन्तरिक ग्रन्थियों के भेदन में कुशल थे। स्व-सिद्धान्त और पर-सिद्धान्त के ज्ञाता थे। पर-वादियों को परास्त करने में अग्रणी थे। द्वादशांगी के ज्ञाता और समस्त गणिपिटक के धारक थे। अक्षरों से समस्त संयोगों के व सभी भाषाओं के ज्ञाता थे। वे जिन (सर्वज्ञ) न होते हुए भी जिन के सदृश थे।"८० ७६. उववाइय सुत्त, १५ । ८०. वही, १५।१६। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003192
Book TitleShraman Sanskruti Siddhant aur Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalakumar
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1971
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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