________________
आत्मविश्वास की अजेय शक्ति [ ५३
हाँ, तो परिस्थिति देखकर अपने आत्मविश्वास को विचलित करना और हार-थक कर बैठ जाना, अविश्वास और निराशा के चंगुल में फंस जाना, उचित नहीं। आशावादी व्यक्ति ही सदैव सफल रहता है, उसका आत्मविश्वास डगमगाता नहीं। इसलिए सदैव आशान्वित रहने से सफलता मिलती है।
आत्मविश्वास के दृढ़ीकरण के लिए आत्मविश्वास के दृढ़ीकरण के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति निराशा और अविश्वास का परित्याग कर दे। इससे उसकी बिगड़ी हुई बाजी भी सुधर सकती है। दुःख, निराशा, पराजय एवं निरुत्साह के विचारों को मन-मस्तिष्क में स्थान नहीं देना चाहिए, तभी आत्मविश्वास का अखण्ड दीप प्रज्वलित रह सकता है।
आत्मविश्वास की पुन स्थापना यदि आप किसी कारणवश जीवन-संघर्ष में निष्फल हो गए हैं, जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में टूट चुके हैं, तो भी निराशा और अविश्वास को दिल से निकाल दें। महापुरुषों की जीवनियाँ पढ़ें। आप देखेंगे कि प्रायः सभी महापुरुष जिन्होंने अपने लक्ष्य की प्राप्ति की है, अनेक संघर्षों, विषम और प्रतिकूल परिस्थितियों से उन्हें जूझना पड़ा है, हताशा और अविश्वास को उन्होंने मन में कभी स्थान नहीं दिया। इस प्रकार आप अपने आत्मविश्वास की पुनः स्थापना करें और आगे बढ़ें, आपकी सफलता निश्चित है ।।
जब व्यक्ति आत्मविश्वास से सशक्त एव स्वस्थ होता है तो शारीरिकमानसिक रोग भी उससे दूर भागेंगे, और उसकी शक्ति एवं क्षमता में उत्तरोत्तर वृद्धि होती जाएगी।
कुछ लोगों में आत्मविश्वास जगाने के लिए उनके अन्धकारमय अतीत को भुला देने के लिए उन्हें सहानुभूति और आत्मशक्तियों का परिचय मिले। इसके लिए उत्साहवर्द्धक पुस्तकों का स्वाध्याय भी अत्यन्त लाभदायक है।
आत्मविश्वास को बनाए रखने का उपाय आत्मविश्वास को बनाए रखने का एक उपाय यह भी है कि व्यक्ति अपनी कमजोरियों पर वीरतापूर्वक काबू पाए, अपने मन-मस्तिष्क को निर्बलता, पतन, पराजय के निराशात्मक विचारों से दूर रखे। विरोधात्मक
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org