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________________ Jain Education International श्रद्धा के विभिन्न रूप श्रय का पथ ही श्रेयस्कर सफलता का मूल मंत्र : विश्वास सद्धा परम दुल्लहा आत्मिक प्रगति की जननी : सत्श्रद्धा आत्मविश्वास की अजेय शक्ति संकल्प शक्ति के चमत्कार दृष्टि बदलिए, सृष्टि बदलेगी उत्कृष्ट आस्था के मूल मंत्र यथार्थ जीवन दृष्टि का मूल्यांकन उपासना का राजमार्ग आत्म-समर्पण का मूल्य 'शम' और उसका स्वरूप 'शम' का द्वितीय रूप- शम श्रमण संस्कृति का तृतीय मूल मंत्र : सम समदृष्टि को परखने का दूसरा चिन्ह : संवेग सम्यग्दृष्टि का तीसरा चिन्ह : निर्वेद सम्यग्दृष्टि का चौथा चिन्ह : अनुकम्पा आस्तिक्य का मूल : आत्मवाद आस्तिक्य का द्वितीय आधार : लोकवाद आस्तिक्य का तृतीय आधार : कर्मवाद कर्मवाद : आस्तिक्य का प्राण आस्तिक्य का चतुर्थ आधार : क्रियावाद For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003188
Book TitleSaddha Param Dullaha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1989
Total Pages444
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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