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४६ पंचामृत
वीरबाला ने कहा-मुझे आपकी सभी बातें स्वीकार करने में संकोच न होगा। पर मेरी शर्त है जब तक बीसलगांव को जीत न लें वहाँ तक आप मेरा स्पर्श न कर सकेंगे। यदि आपको यह शर्त स्वीकार हो तो मैं आपके साथ चलना पसन्द करूंगी। ___ सरदार की स्वीकृति पर मर्दानगी वेष में वह उनके साथ हो गई।
केसरीसिंह जंगल में अपने साथियों को न पाकर बीसलगांव पहुँचा। उसने देखा वीरबाला अभी तक बीसलगांव में नहीं पहुँची है । बीसलगांव के निवासियों को आक्रमण का कुछ भी पता नहीं है। केसरीसिंह ने जाकर सभी को जागृत किया। उसके मन में सन्देह होने लगा कि कहीं वीरबाला ने विश्वासघात तो नहीं किया है ? केसरीसिंह ने सारे ग्रामनिवासियों को आने वाली आपत्ति के समाचार दिये और सभी को तैयार होने के लिए उत्प्रेरित किया। सभी ने अपना मोर्चा संभाल लिया।
लुटेरों का दल बीसलगांव के बाहर बगीचे में जाकर रुका। वीरबाला ने सरदार से कहा-आप यहाँ सभी तैयारी करें। मैं गांव में जाकर पता लगाती
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