________________
नारी का ४ि१ केसरीसिंह ने कहा-देवी, आपने मेरे प्राण बचाये हैं। यदि आप उस समय न आती तो रात में ही झाड़ियों में उलझा हुआ मैं प्राण त्याग देता । मैं आपका पूर्ण आभारी हूँ। क्या मैं आपका परिचय प्राप्त कर सकता हूँ? ___ युवती ने निःश्वास छोड़ते हुए कहा-आप मेरा परिचय जानकर क्या करेंगे? मैं एक हतभाग्या बाला
हूँ
केसरीसिंह ने कहा-तब तो मैं अवश्य ही जानना चाहूँगा कि आपका परिचय क्या है, जिससे मैं कुछ सहायता कर सकूँ। तुम्हारा मेरे पर बहुत बड़ा उपकार है। मैं चाहूँगा तुम मेरे से कुछ भी न छिपाकर सही जानकारी दोगी।
__ युवती ने कहा- मैं बीसलगाँव के ठाकुर के प्रधान अधिकारी नारायणसिंह की पुत्री हूँ।
केसरीसिंह ने साश्चर्य कहा-क्या तुम ही सरदार नारायणसिंह की पुत्री वीरबाला हो ?
अपना नाम सुनते ही युवती चौंक उठी। उसने कहा-हाँ, मुझे ही वीरबाला कहते हैं।
केसरीसिंह ने पूछा-तुम्हारे माता-पिता कहाँ
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org