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पंचामृत
कथा का रहस्य प्रकट करते हुए कथाकार ने कहा-वय से नहीं, किन्तु गुणों से व्यक्ति महान् बनता है। समय सदा एक सदृश नहीं रहता। जो एक दिन धनवान है वह दूसरे दिन भिखारी भी बन सकता है। इसलिए किसी का भी अपमान न करो और व्यर्थ ही अभिमान न करो।
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