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१६ पंचामृत ही न हो रहा था। बैलगाड़ियों में एक मिट्टी के घड़े में पापड़ थे, तो दूसरे मिट्टी के घड़े में बड़ियाँ थीं। तीसरे घड़े में मैथी थीं। गाड़ी के चलने पर उन घड़ों में चूं-चूं की आवाज आ रही थीं। युवक ने गंभीर गर्जना करते हुए कहा-मुझे यह चूं-चूं की आवाज बिल्कुल पसन्द नहीं। तुम शान्त बन जाओ। नहीं तो मैं अभी तुम्हें चमत्कार दिखाऊँगा। ___जब चू-चूं की आवाज बन्द न हुई तो युवक ने एक लाठी के प्रहार से उन सभी घड़ों को चूर-चूर कर दिया । श्रेष्ठी-बाला तो युवक के क्रोध को देखकर सहम गई-ये तो बड़े तेज-तर्रार स्वभाव के हैं।
कुछ दूर चलने पर एक कुतिया भौंकने लगी। युवक ने उस पर भी ऐसा प्रहार किया कि वह कुतिया सात चक्कर खाकर गिर पड़ी। पति के उग्र स्वभाव को देखकर वह बाला कांप उठी-यदि मैंने जरा-सी भी असावधानी से कुछ कह दिया तो यह मेरी ऐसी पूजा करेंगे कि हड्डी-पसली एक कर देंगे। . नववधू को लेकर वह युवक अपने घर पर पहुँचा। उसने घर पर जाते ही यह सूचना कर दीयदि तूने कुछ भी अनुचित कहा-सुनी की तो याद रखना मेरे कोप के सामने तेरी मिट्टी पलीद हो
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