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१३.
पंचामृत
कौन कर सकता है ? ऐसा प्रतीत होता है कि इसमें किसी दरबारी का हाथ है ?
सेनापति ने निवेदन किया-जहाँ तक मुझे पता चला है यह कार्य अजितसिंह ने किया है। क्योंकि उसके भाई नत्थूसिंह को आपने समाप्त किया था । अपने भाई के मारने का बदला लेने के लिए ही ऐसा किया गया है।
राजा ने विस्मित होते हुए कहा--नत्थूसिंह के भाई अजितसिंह ने यह दुस्साहस किया है ? उसने मंजुला को गोली का शिकार ही क्यों नहीं बना दिया ?
सेनापति ने कहा-राजन् ! इसमें रहस्य है। वह मंजुला के माध्यम से आपको तथा महेन्द्रसिंह को अपनी गोली का शिकार बनाना चाहता है। उन्हें यह ज्ञात है कि आपका अपनी पुत्री पर अत्यधिक स्नेह है। इसलिए आप या महेन्द्र वहाँ अवश्य जायेंगे।
राजा अजितसेन ने गम्भीर गर्जना करते हुए कहा -हम कायर नहीं हैं। हमारी नसों में राजपूती खून खोल रहा है। अभी सैन्य तैयार करो। हम उससे युद्ध करेंगे और बतायेंगे कि हम कितने वीर हैं।
सेनापति ने नम्रतापूर्वक निवेदन किया-आपकी
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