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स्वप्न फल
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बुद्ध ने कहा - प्रस्तुत स्वप्न भी भविष्य का ही प्रतीक है । जो शासक होगा अथवा जो पैसे वाला होगा उसी का सर्वत्र आदर होगा । उनकी इच्छा न होते हुए भी उन्हें जबरन भोजन कराया जाएगा। वे मिष्टान्न जैसे बहुमूल्य पदार्थ भी जूठन में डालेंगे । किन्तु जो उनके सन्निकट रहने वाले गरीब लोग हैं, वे एक-एक दाने के लिए तरसेंगे, उन्हें कोई भी देना पसन्द नहीं करेगा । वे भूखे-प्यासे ही पड़े रहेंगे । चारों वर्ण वाले धनवानों का, सत्ता-संपत्ति वालों का बहुमान करेंगे |
राजा ने नौवें स्वप्न को बताते हुए कहा- मैंने एक सुन्दर और सुगंधित सरोवर देखा जहाँ पर मानव ही नहीं पशु-पक्षी भी आकर पानी पीते हैं । उस सरोवर के किनारे का जल बिलकुल ही स्वच्छ और निर्मल है, पर सरोवर के बीच का जल सड़ा हुआ तथा गंदा है ।
बुद्ध ने कहा- सरोवर के किनारे का भाग निर्मल था तो इसका अर्थ है जो शहर के सन्निकट गाँव रहेंगे वहाँ के लोग भद्र होंगे, किन्तु नगरनिवासी लोगों का जीवन अनेक दुर्व्यसनों का शिकार होगा । नगरों में विविध प्रकार के कर लगाए जाएँगे जिससे नगर का
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