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अनुश्रुत श्रतियाँ
'भंते ! बहुत से लोग जीवन से तंग आकर आत्महत्या करके जीवन का अंत करना चाहते हैं। मुझे अपने धर्म का पालन करते हुए सहज ही यदि जीवन से मुक्ति मिल जायेगी तो मैं उन्हें उपकारी मानूंगा । फिर वे तो सिर्फ इस देह का ही नाश करेंगे, मेरे आत्म-धर्म की तो घात नहीं कर सकते ।
बुद्ध ने कहा - "पूर्ण ! तुम हर स्थिति में अपने को संयत व प्रसन्न रखने वाले पूर्ण साधक हो, तुम कहीं भी जा सकते हो ।"
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