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मोटी चादर
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हाय-अबलाओं के लिए सोचा है, जिनकी जिन्दगी का सहारा चादर के इन कच्चे धागों से बंधा है।"
आचार्यकी स्पष्ट चेतावनी से कुमारपाल का पितृवत् नृपत्व जाग उठा,और आचार्य के प्रथम स्वागत-समारोह में ही उसने राज्य की गरीब-असहाय महिलाओं की व्यवस्था के लिए कई करोड़ का फंड स्थापित करने की घोषणा की।
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