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५.
राष्ट्रपिता का आदर्श
पुराणों में ब्रह्मा को 'प्रजापति' कहा है- चूंकि उसने प्रजा का निर्माण किया ।
प्राचीन काव्यों में राजा को 'प्रजापति' कहा है, चूंकि वह प्रजा का रक्षण एवं पोषण करता था । कालिदास की कलम इससे भी आगे बढ़ी है, उसने राजा को 'प्रजापिता' के रूप में अंकित किया है ।
प्रजानां विनयाधानाद् रक्षणाद् भरणादपि स पिता पितरस्तासां केवलं जन्म हेतवः । ' प्रजा में विनय आदि के संस्कार भरने, तथा उसकी रक्षण भरण आदि की सुन्दर व्यवस्था करने के कारण वास्तव में राजा ही प्रजा का पिता है, "पिता तो केवल जन्म देने के कारण पिता है ।"
१. रघुवंश में महाराज दिलीप का वर्णन |
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