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कथाएं बुद्धिवर्धक विटामिन है। 'खिलती कलियां मुस्कराते फूल' में वही विटामिन पाठकों को प्रस्तुत किया जा रहा है। यह विटामिन कैसा है, इसका निर्णय मैं पाठकों पर छोड़ता हूँ। यदि प्रबुद्ध-पाठकों को यह विटामिन पसन्द आया तो शीघ्र ही इससे अधिक सुन्दर शक्तिवर्धन विटामिन प्रस्तुत किया जायेगा। __यहां मैं श्रद्धास्पद सद्गुरुवर्य श्री पुष्कर मुनि जो महाराज के प्रति अपनी हादिक. कृतज्ञता व्यक्त करूगा कि जिनकी प्रबल प्रेरणा और दिशा दर्शन मेरे साहित्यिक जीवन का सम्बल रहा है। साथ ही परमस्नेही कलमकलाधर श्रीचन्द जो सुराना 'सरस' को भी विस्मृत नहीं हो सकता, जिन्होंने स्नेह व श्रद्धा पूर्वक सुन्दर संपादन किया है, और मुद्रण कला की दृष्टि से पुस्तक को सर्वांग सुन्दर बनाने का प्रयास किया है।
-देवेन्द्र मुनि
स्थानकवासी जैन उपाश्रय १२, ज्ञान मन्दिर रोड दादर (वेस्ट), बम्बई २८ दिनांक १९-८-७०
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