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पुण्यपुरुष
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"जुग जुग जियो मेरे बच्चो ! सदा सुखी रहो । तेरा सौभाग्य अखण्ड रहे बेटी !" कहकर रानी कमलप्रभा ने अपनी प्यारी बहू को अपने हृदय से लगा लिया ।
आस-पास ठहर गये उज्जयिनी के नागरिकों ने यह सारा दृश्य देखा, यह संवाद सुना और वे हर्षविभोर होकर जयघोष करने लगे
मैनासुन्दरी की जय हो ! महामना श्रीपाल की जय हो ! महाराज प्रजापाल की जय हो ! जैनधर्म की जय-विजय हो !
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