________________
पुण्यपुरुष १५ अनेकों दासियाँ भोजन पका रही थीं। श्रीपाल अभी वहाँ पहुँचा नहीं था। रानी कमलप्रभा अपने कक्ष में विश्राम कर रही थीं। ___ शशांक ने मैना को देखा, भोजन की तैयारी देखी,
और मुँह फुलाकर एक किनारे पर, दूर आसन पर बैठ गया।
उसी समय श्रीपाल और रानी माता ने भी पाकशाला में प्रवेश किया। उन्होंने शशांक को देखा नहीं, और मैना से पूछा
"बेटी मैना ! क्या बात हुई ? आज शशांक नहीं दीखता?"
श्रीपाल ने भी कहा-"अरे हाँ, आज शशांक सबेरे से ही गायब है ? कहाँ चला गया ?"
तब शशांक ने अपने फूले हुए मुख से ही नाराजी के स्वरों में कहा__ "शशांक कहीं नहीं गया, यहीं जमकर बैठा है। जैसे आप जमकर बैठ गए हैं अपनी सुसराल में।" ___इस अजीब से उत्तर को सुनकर सब लोग चौंक गए। किन्तु श्रीपाल ने शशांक की बात का कुछ अर्थ मन ही मन समझ लिया और उसके पास जाकर, उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा
"क्या है रे ? क्यों रूठा हुआ है ? घर की याद आ रही है क्या ? भाभी को यहीं बुलवा दूं ?"
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org