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बुद्धिं का चमत्कार
दन्तिल नाम का एक हरिजन युवक था। वह बहुत ही बुद्धिमान तथा स्वामिभक्त था। राजप्रासाद एवं प्रधानमन्त्री के शौचालयों की सफाई करना उसका कार्य था। प्रतिदिन नियमित समय पर वह अपने काम पर पहुँच जाता था। उसे सफाई पसन्द थी। उसके कार्य की कभी भी किसी ने शिकायत नहीं की।
प्रधानमन्त्री के यहाँ पर पुत्र के विवाह की तैयारियाँ चल रही थीं। अपार उल्लासमय वातावरण था। भव्य भवन सजाये गये थे। स्थान-स्थान पर तोरण द्वार बनाये गये थे। पुष्पमालाएँ, कलश व कदलीदल लगाये गये थे। प्रतिदिन सैकड़ों व्यक्तियों के लिए नित नये मिष्टान्न बनते थे।
दन्तिल प्रधानमन्त्री के आवास की सफाई का पूर्ण ध्यान रखता था। सभी के भोजन के पश्चात जूठी पत्तलें, इधर-उधर बिखरे हुए जूठन को वह चतुराई से उठाकर उस स्थान को पूर्ण स्वच्छ कर देता था।
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