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सत्य-असत्य की मिलावट
किसी नगर में तम्बाकू और घी का एक व्यापारी रहता था। उसकी दुकान पर घी और तम्बाकू-यही दो चीजें मिलती थीं। व्यापारी का लड़का मूर्ख था। उसे खाने-खेलने के अलावा दुकानदारी से कोई प्रयोजन नहीं था। अकेला व्यापारी ही सब लेन-देन, खरीद-फरोख्त करता था। __एक बार व्यापारी को तम्बाकू खरीदने एक गांव जाना था । प्रस्थान से पूर्व उसने अपनी पत्नी से कहा
"आज शाम तक के लिए मुझे शहर से बाहर जाना है। आज पूरे दिन दुकान बन्द पड़ी रहेगी। यदि हमारा लाडला कुछ समझदार होता तो एक दिन की बिक्री न मारी जाती।"
पास ही खड़े व्यापारी के लड़के ने कहा
"पिताजी ! आखिर मैं हूँ तो आपका ही पुत्र । इसमें परेशान होने की क्या बात है ? आप मुझे भाव बताते जाइये । बैठा-बैठा मैं बेचता रहूँगा।"
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