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________________ तमन्ना है।' बलसार बोला—'आश्रय तो मिलेगा ही 'किन्तु तेरी जहां इच्छा होगी, वहां मैं तुझे पहुंचा दूंगा। तूने अभी तक मुझे अपना नाम नहीं बताया ?' 'मेरा नाम मलयासुंदरी है।' | ___ 'बहुत सुन्दर नाम है। हमें अभी सात-आठ दिन प्रवास में रहना होगा। फिर हम सागरतिलक नगर में पहुंच जाएंगे।' इधर संध्या होते-होते आश्रम में वृद्ध तापसमुनि आ गए। उनका प्रयत्न सफल नहीं हो पाया था 'आकाशगामिनी वनस्पति उन्हें प्राप्त नहीं हुई थी। ___आश्रम में आते ही चौंके । मलया और बच्चा दोनों वहां नहीं थे। सोचा, कहां चले गए? मुनि ने बिना विश्राम किए सारा आश्रम और आसपास का उपवन छान डाला । मलया के कहीं चिह्न नहीं मिले। तापसमुनि ने सोचा-अवश्य ही मलया के स्वजन आ गए हैं और उसे अपने साथ ले गए हैं। इसके बिना यहां कोई और विपत्ति आ नहीं सकती। ___'जैसी शासनदेवी की इच्छा'–कहते हुए मुनि अपने आप में समाधान कर कुटीर में चले गए। .. सात दिवस के बदले वह सार्थ बारहवें दिन सागरतिलक नगर में पहुंचा। मलया को एक सुन्दर और स्वच्छ भवन में रखा और अपनी विश्वस्त दासी ऊर्मिला को उसकी सेवा-चर्या में नियुक्त कर दिया। बलसार मलया को पाने का उपक्रम कर रहा था। बार-बार उसने ऊर्मिला से कहा- 'तू मलया को समझा-बुझाकर राजी कर । मैं तुझे अटूट संपत्ति दूंगा।' ___ 'सेठजी ! मैं प्रयत्न कर रही हूं, पर मुझे लगता है, वह अनोखी नारी है और इसको जबरदस्ती वश में नहीं किया जा सकता। आप धैर्य रखें । मेरा प्रयत्न चल रहा है। यदि आप मेरी बात मानें तो इसे वहां पहुंचा दें जहां वह जाना चाहती है।' ___मिला ! तू मेरे स्वभाव से परिचित नहीं है ? मैं जिस बात को पकड़ लेता हूं, वह बात पूरी करके ही शान्त होता हूं । मलया को देखने के पश्चात् मेरा दिल तड़प रहा है। एक-एक क्षण भारी हो रहा है। दो दिन तेरे कहने से और प्रतीक्षा कर लेता हूं। फिर मैं नहीं रुकूँगा। मुझे जो करना, है वह करूंगा।' सेठजी घर चले गए। दो दिन बीत गए। तीसरे दिन बलसार उस भवन के पास आया । ऊर्मिला से पूछा-'कहां है सुन्दरी ?' . ऊपर अपने खंड में बालक को जगा रही है।' महाबल मलयासुन्दरी २४७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003181
Book TitleMahabal Malayasundari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1985
Total Pages322
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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