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पट्ट धारण कर । उत्तरीय को पुरुष की तरह धारण कर अथवा मस्तक पर बांध दे..."
आश्चर्य से भरी-पूरी मलया महाबलकुमार के कथनानुसार करने लगी । किसी के आने की आहट निकट सुनाई देने लगी ।
वृक्ष के तने के पास बैठ गए थे और आवाज की दिशा में तीक्ष्ण देख रहे थे ।
दोनों के मन में एक ही प्रश्न था - 'कौन होगा ?'
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महाबल मलयासुन्दरी ६६
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