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भगवान अरिष्टनेमि और श्रीकृष्ण पंचपांडव चरित्र रास- यह कवि शालि भद्रसूरि की रचना है। इसका रचना समय संवत् १४१० है।३०
प्रद्य म्न चरित-इसके रचयिता सधारु हैं। इसका रचना सं० १४११ माना जाता है।31
बलभद्र रास- इसके रचयिता कवि यशोधर हैं वि० संवत् १५८५ में इसकी रचना की गई है।
नेमिजिनेश्वर रासो एवं प्रद्युम्न रासो-इसके निर्माता कवि रायमल्ल हैं।
नेमीश्वर चन्द्रायण-यह कवि नरेन्द्र कीति की रचना है।
हरिवंशपुराण-इसके रचयिता शालिवाहन हैं । यह र वना जिनसेन के हरिवंश पुराण पर आधृत है।
नेमीश्वर रास-इसके लेखक नेमिचन्द्र हैं, जिनका समय १८६६ है। यह प्रति आमेरशास्त्र भण्डार में है।
प्रद्य म्न-प्रबन्ध-इसके रचयिता देवेन्द्रकीर्ति हैं। इनका रचना काल सं० १७२२ हैं।
पाण्डव पुराण-यह बुलाकीदास की रचना है। जिन्होंने वि० सं० १७५४ में बनाया है।
नेमिनाथ चरित्र-इसके रचयिता अजयराज पाटनी हैं । इसका रचना काल सं० १७६३ है।
नेमिचन्द्रिका-इसके रचयिता मनरंग लाल हैं।
स्थानकवासी जैन परम्परा के अनेक मुनिवरों ने भी भगवान् अरिष्टनेमि और श्रीकृष्ण पर लिखा है-साहित्य इस प्रकार है :
भगवान् नेमिनाथ, महारानी देवकी श्री कृष्ण की ऋद्धि, आदि के रचयिता आचार्य श्री जयमल जी म० हैं।३२
३०. हिन्दी के अज्ञात रास काव्य-मंगल प्रकाशन जयपुर से प्रकाशित, __तथा गुर्जररासावली में प्रकाशित ।। ३१. पं० चैनसुखदास, डा० कस्तूरचन्द कासलीवाल के सम्पादकत्व में
श्री महावीर क्षेत्र प्रबन्ध कारिणी कमेटी जयपुर द्वारा प्रकाशित । ६. श्री मधुकर मुनि के द्वारा सम्पादित, 'जयवाणी' सन्मतिज्ञान
पीठ आगरा से वि० सं०२०१६ में प्रकाशित ।
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