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साधक जीवन
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साधक जीवन
महाभिनिष्क्रमण : ____ आवश्यक नियुक्ति के अनुसार चौबीस तीर्थंकरों में से भगवान् महावीर, अरिष्टनेमि, पार्श्वनाथ, मल्ली भगवती और वासुपूज्य ने प्रथमवय में प्रव्रज्या ग्रहण की तथा शेष तीर्थंकरों ने पश्चिमवय में । इन पाँचों तीर्थंकरों ने राज्य नहीं किया था, शेष तीर्थंकरों ने राज्य किया था।
भगवान् अरिष्टनेमि तीन सौ वर्ष तक गृहस्थाश्रम में रहकर श्रावण शुक्ला छ8 के दिन पूर्वाल के समय उत्तराकूरु शिविका में बैठकर द्वारिका नगरी के मध्य में होकर रैवत नामक उद्यान में
१. वीरो अरिनेमी, पासो मल्ली अ वासुपुज्जो अ ।
पढमवए पव्वइआ, सेसा पण पच्छिमवयंमि ॥२२६। वीरं अरिट्टनेमि पासं मल्लि च वासुपुज्जं च । एए मुत्त ण जिणे, अवसेसा आसि रायाणो ॥२२॥
-आवश्यक नियुक्ति २. (क) समवायाङ्ग सू० १५७-१७
(ख) कल्पसूत्र १६४ पृ० २३१
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