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जन्म एवं विवाह प्रसंग
जन्मस्थली :
श्वेताम्बर, दिगम्बर सभी ग्रंथों के अनुसार भगवान अरिष्टनेमि का जन्म सोरियपुर में हुआ।' सोरियपुर कुशार्वत जनपद की राजधानी थी।२ जैनग्रन्थों के उल्लेखानुसार राजा शौरि ने अपने लघ भ्राता सूवीर को मथुरा का राज्य देकर कुशावर्त में जा शौरिपुर नगर बसाया था। पर यह स्मरण रखना चाहिए कि
१. (क) सोरियपुरंमि नयरे, आसी राया महिड्ढिए ।
समुद्दविजए नामं रायलक्खणसंजुए ॥ तस्स भज्जा सिवा नाम तीसे पुत्ती महायसो । भगवं अरिट्ठनेमि त्ति लोगनाहे दमीसरे ।।
-उत्तराध्ययन, २२॥३-४ (ख) कल्पसूत्र सूत्र १६२
(ग) भव-भावना २. (क) बृहत्कल्पभाष्यवृत्ति १, ३२६३
(ख) प्रज्ञापनासूत्र ११६६। पृ० १७३
(ग) प्रवचन सारोद्धार ३. कल्पसूत्र टीका ८, पृ० १७१
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