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________________ 42. सुगनजी (सुमतिमण्डन) ये खरतरगच्छीय महोपाध्याय क्षमाकल्याण की परम्परा में धर्म विशाल के शिष्य थे। इनका दीक्षानाम सुमतिमण्डन था परन्तु जन्म नाम ही अधिक प्रसिद्ध रहा है। इनका उपाश्रय आज भी रांगडी चौक बीकानेर में मौजूद है। सं. 1930 से 1961 तक आप पूजायें बनात रहे। संवतानुसार पूजा सूची निम्न प्रकार है:-- 1. सिद्धाचल पूजा, सं. 1930 बीकानेर 2. अष्ट प्रवचन माता पूजा, सं. 1940 बीकानेर पंच ज्ञान पूजा, सं. 1940 बीकानेर 4. सहस्रकूट पूजा, सं. 1940 बीकानेर 5. आबू पूजा, सं. 1940 बीकानेर 6. चौदह राजलोक पूजा, सं. 1953 बीकानेर 7. पंच परमेष्टि पूजा, सं. 1953 बीकानेर 8. एकादश गणधर पूजा, सं. 1955 बीकानेर 9. जम्बूद्वीप पूजा, सं. 1958 बीकानेर 10. संघ पूजा, सं. 1961 बीकानेर इनके अतिरिक्त इनकी चौवीसी और मूर्तिमण्डन प्रकाश नामक रचनायें भी प्राप्त हैं। 43. वैद्य शिरोमणि रामलालजी (राम ऋद्धिसार) आप खरतरगच्छीय क्षेमकीर्ति शाखा के कुशलनिधान के शिष्य थे। अपने समय के प्राप बहत प्रसिद्ध वैद्य थे। अापकी रचित 'दादाजी की पूजा' अत्यधिक प्रसिद्ध है। आपने दीर्धाय पाई और अनेक विषयों में बहुत से ग्रंथ बनाये। ग्रंथों का प्रकाशन भी स्वयं ने ही किया। ज्ञात ग्रन्थों की नामावली इस प्रकार है:-- 1. पैंतालीस आगम पूजा, सं. 1930 बीकानेर, 11. सन्तान चिन्तामणि 2. बीस विहरमान पूजा, सं. 1944 भागनगर, 12. गुण विलास 3. दादाजी की पूजा, सं. 1953 बीकानेर, 13. सिद्धमूर्ति विवेक विलास 4. अष्टापद पूजा ___ 14. असत्याक्षेप निराकरण 5. अट्ठाई व्याख्यान भाषा, सं. 1949 15. सिद्ध प्रतिमा मुक्तावली 6. श्रीपाल चरित्र भाषा, सं. 1957 16. स्वप्न सामद्रिक शास्त्र 7. संघपटक बालावबोध, सं. 1967 17. शकुन शास्त्र वैद्यदीपक 18. श्रावक व्यवहारालंकार 9. महाजन वंश मुक्तावली 19. कल्यसूत्र बालावबोध 10. जैन दिग्विजय पताका 44. कपूरचन्द (कुशलसार) ये खरतरगच्छीय रूपचन्द गणि के शिष्य थे। इनकी वारहवत पूजा सं . 1936 बीकानेर में रचित, प्रकाशित है । ܇ 45. यति श्रीपालचन्द्र ये खरतरगच्छीय श्री विवेकलबिध के शिष्य थे। इनका दीक्षानाम शीलसौभाग्य था। ये विविध विषयों के अच्छे विद्वान थे। इनका एक मात्र हिन्दी का ग्रंथ "जैन सम्प्रदाय शिक्षा" अथवा 'गृहस्थाश्रम शील सौभाग्य भूषण माला' नामक संवत 1967 में आपका अकस्मात निधन ।
SR No.003178
Book TitleRajasthan ka Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherDevendraraj Mehta
Publication Year1977
Total Pages550
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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