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________________ 156. पंचग्रन्थी (बुद्धिसागर) व्याकरण 157. वेट्थपद विवेचन 158. सारस्वतानुवृत्यवबोधक 159. सिद्धान्तरत्नावली व्याकरण 160. हमलिंगानुशासन दुर्गपदप्रबोध टीका बुद्धिसागरसूरि समयसुन्दरोपाध्याय ज्ञानमेरु खरतर. खरतर. खरतर. खरतर. खरतर. 1080 1684 1667 1897 1661 जालौर बीकानेर डीडवाणा जयपुर श्रीवल्लभोपाध्याय जोधपुर कोष: 1 161. अभिधानचिन्तामणि नाममाला टीका 162. अभिधानचिन्तामणि नाममाला टीका 163. शब्दप्रभेद टीका 164. हैमनाममाला शेषसंग्रह टीका 165. हैमनाममाला शिलोग्छ टीका श्रीवल्लभोपाध्याय रामविजयोपाध्याय ज्ञानविमलोपाध्याय श्रीवल्लभोपाध्याय श्रीवल्लभोपाध्याय खरतर. खरतर. खरतर. खरतर. खरतर. 1667 1822 1654 1654 1654 जोधपुर कालाऊना बीकानेर बीकानेर नागौर छन्दःशास्त्रः वाडव 166. वृत्तरत्नाकर टीका 167. वृत्तरत्नाकर टीका अंचलगच्छ खरतर. .. समयसुन्दरोपाध्याय 15वीं 1694 विराटनगर जालोर . अलंकार: 168. काव्यप्रकाश नवमोल्लास टीका 169. पाण्डित्य दर्पण क्षमामाणिक्य उदयचन्द्र खरतर. खरतर. 1884 1731 राजपुर बीकानेर
SR No.003178
Book TitleRajasthan ka Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherDevendraraj Mehta
Publication Year1977
Total Pages550
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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